August 27, 2015
August 18, 2015
एक छोटी सी असलियत
एक इंसान की हक़ीकत क्या है
जिंदगी से उसे निस्बत क्या है
दिल में जो हो कह नहीं पाये
खुद का सच भी सह नहीं पाये
पी न सके निश्छल प्याले से
छल का दंश भी सह नहीं पाये
हँस नहीं पाये रो नहीं पाये
अपने सपने बो नहीं पाये
सच समझें ये धैर्य न होता
झूठों से भी भाग न पाये
टकराये जब ईमान से अपने
खुद को ही वो समझ न पाये
बढ़ नहीं पाये रुक नहीं पाये
फिर से नए उसूल बनाये
एक चमन रौशन करने को
बढे, असंख्यक दीप बुझाए
है एक अमीट अँधेरा आगे
समझ न पाये, संभल न पाये
अंधेरो को दूर भागकर
अंधेरों में घिर-घिर जाए
- अपर्णा
जिंदगी से उसे निस्बत क्या है
दिल में जो हो कह नहीं पाये
खुद का सच भी सह नहीं पाये
पी न सके निश्छल प्याले से
छल का दंश भी सह नहीं पाये
हँस नहीं पाये रो नहीं पाये
अपने सपने बो नहीं पाये
सच समझें ये धैर्य न होता
झूठों से भी भाग न पाये
टकराये जब ईमान से अपने
खुद को ही वो समझ न पाये
बढ़ नहीं पाये रुक नहीं पाये
फिर से नए उसूल बनाये
एक चमन रौशन करने को
बढे, असंख्यक दीप बुझाए
है एक अमीट अँधेरा आगे
समझ न पाये, संभल न पाये
अंधेरो को दूर भागकर
अंधेरों में घिर-घिर जाए
- अपर्णा
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