August 15, 2014

क्या है इश्क़


इश्क़ एक पिंजरा है, या है, एक उड़ान भावनाओं का खंडहर, या, अरमानों का मकान, ये नशा है, छू रहे किसी आवाज का, या फिर स्पर्श, साज के तार का, क्या है इश्क़? गुरूर है, सुरूर है, या भावों का कसूर है, जिंदगी है, बंदगी है, या फिर बेखुदी है इश्क़? मुक्त हर आशा और विश्वास से.... मुक्त हर संशय और सवाल से....
- अपर्णा


August 05, 2014

सिरा ढूँढती हूँ


सिरा ढूँढती हूँ मैं जिंदगी का
तुम्हे गर पता हो बता दीजियेगा हो पर्दा जो झीना सा भी अक्स पर, बेझिझक अक्स पर से हटा लिजियेगा आँखों में ख्वाबों का ताना बाना सांसों की लय में उलझा तराना ये तराना अगर समझ पाये तो जरा सा हमें भी बता दीजियेगा ये इज्जत की बातें और कालिख के धब्बे ये खुशियों की चाहत में गिनती के हव्वे दुनिया ये क्यों है दौलत के पीछे भागते हैं क्यों लोग शोहरत के पीछे अगर हो गया मालूम किसी दिन तो थोड़ा हमें भी बता दीजियेगा तरंग क्या है उमंग क्या है खुशियों के रंग क्या हैं क्या है मानवता की निशानी क्या है विवशता की कहानी जानना चाहो ये सब किसी दिन गले से किसी को लगा लीजीयेगा झांकिएेगा कभी बेबस लाचार आँखों में पढ़िएगा उन सिहरे हुये भावों को देखियेगा उन सिमटे हुये ख्वाबों को और दिल के सब पर्दे उठा दीजियेगा होश में लायेंगी जेहन की मदहोशियाँ बातें करेंगी सुलगती खामोशियां और आप महसूस करेंगे जीवन को.....
- अपर्णा